सिहोरा। सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन दूसरे दिन भी खितौला–सिहोरा पूरी तरह बंद रहा। बाजार, प्रतिष्ठान, यातायात सब ठप रहे। सड़क पर उतरे आक्रोशित नागरिकों ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया और शासन–प्रशासन का पुतला फूंका, जिससे पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बन गया।
धरना स्थल पर जैसे ही आमरण सत्याग्रह कर रहे प्रमोद साहू मंच पर पहुंचे, वहां मौजूद हजारों नागरिक भावुक हो उठे।
आंदोलन को उस समय और मजबूती मिली, जब भाजपा के पार्षद बेबी विनय पाल और कांग्रेस के पार्षद राजेश चौबे और अरशद खान के साथ सभी 6 पार्षदों ने सिहोरा जिला के समर्थन में इस्तीफा देने तक की सार्वजनिक घोषणा कर दी।
भव्य रैली, लेकिन सरकार मौन
दोपहर तीन बजे जोरदार रैली सिहोरा खितौला के मुख्य मार्गो से निकाली गई। “सिहोरा जिला बनाओ”, “अब और इंतजार नहीं” जैसे नारों से पूरा नगर गूंजता रहा। बावजूद इसके सरकार की ओर से अब तक न कोई आश्वासन, न कोई संकेत सामने आया है। इसी कारण आंदोलनकारियों में रोष और अधिक बढ़ गया है।
तीन करेंगे आत्मदाह - उत्तेजित और आक्रोशित सिहोरा वासियों में तीन लोगो ने आत्मदाह की घोषणा कर दी।सिहोरा निवासी जाकिर खान द्वारा 12 दिसंबर,पल्लू महाराज द्वारा 16 दिसंबर और वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार तिवारी द्वारा एक जनवरी को आत्मदाह करने की घोषणा की गई है।
