जबलपुर। हिंदी थोपना एक मनगढ़ंत राजनीतिक मुहावरा है
जो चुनाव के समय अब कई गैर हिंदी भाषी राज्यों के राजनीतिक दल प्रयोग कर रहे हैं। यह बात कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग द्वारा एक सभा आयोजित कर कही गई। कहा गया कि देश की अपनी भाषा राष्ट्रभाषा हिंदी से यह चलते हैं, मगर विदेशी भाषा को गले लगाने में इन्हें कोई परहेज नहीं हैं। जो भाषा भारतीय है वह जोड़ भी सकती है दो भाई उद्धव ठाकरेऔर राज ठाकरे आज हिंदी मराठी के नाम पर एक हो गए हिंदी और मराठी भी साथ-साथ काम कर सकती है।इस अवसर पर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के सुमन जैन, दलवीर जस्सल, राजेंद्र जैन बंधु
अतुल जोसेफ, संजय वर्मा, नेकराम पटेल, राजकुमार जैन मामा,
शाकिर कुरैशी, निर्मलचंद जैन, हाजी हामिद खान, अब्दुल रहमान मलिक, डॉ चंद्रेश जैन डॉक्टर, महेंद्र जैन, अमित जैन, संजय जैन, किपी संजय जैन, प्रभु, ताहिर खोकर, अशरफ मंसूरी, मार्को बाबा, अभिमन्यु शर्मा, नरेश साहू, सुभाष पटेल, मोहम्मद असलम, मकसूद मंसूरी, दिलावर खान, रिंकू कुशवाहा, सुखेंद्र सिंह लोधी, अनुराग शुक्ला, ऐश्वर्य ठाकुर, शफी खान, युग लोधी, अरविंद पंडा, सौरभ विश्वकर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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