जबलपुर। पिछले सात वर्षों से मामला लंबित रहते हुए ट्रांसपोर्ट नगर से अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर जबलपुर को कड़ी फटकार लगाई। वीसी के जरिए उपस्थित होकर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भूमि से अतिक्रमण पूरी तरह से हटाने तथा खाली जमीन पर सरकार का कब्जा सुनिश्चित करने के लिए कुछ और समय मांगा। इस पर कोर्ट ने तल्खत लहजे में कहा िक यह मामला पिछले सात वर्षों से लंबित है। यह न्यायालय कलेक्टर द्वारा दिए गए जवाबों की प्रकृति से संतुष्ट नहीं है। जस्टिस अतुल श्रीधरन व जस्टिस दीपक खोत की खंडपीठ ने कलेक्टर को 10 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि अगली सुनवाई तक कार्रवाई नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा। मामले पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की गई है।
गौरतलब है िक ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी संघ समिति के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल की ओर से वर्ष 2019 में याचिका दायर कर कहा गया था कि माढ़ोताल स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में नगर निगम की जमीन के सर्वे नंबर 153 व 154 में बहुत से अतिक्रमण व अवैध कब्जे हैं। इन्हें हटाने की मांग को लेकर नगर निगम व जिला प्रशासन को कई बार अभ्यावेदन दिया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2020 को अंतिम आदेश देते हुए कहा था कि इस याचिका को अभ्यावेदन मानते हुए कलेक्टर स्वयं पहल करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करें, क्योंकि यह शासकीय जमीन पर अतिक्रमण का मामला है। कलेक्टर जांच के बाद उचित कार्रवाई करते हुए शासकीय जमीन को कब्जामुक्त कराएं। कोर्ट ने 15 मार्च 2021 तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। जब कार्रवाई नहीं हुई तो याचिका पुनर्जीवित की गई। इसके बाद भी कलेक्टर द्वारा कई बार मोहलत ली गई, लेकिन कार्रवाई अधूरी रही। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राम प्रसाद खरे ने पक्ष रखा।