गुरुपूर्णिमा जैसे धार्मिक पर्व पर जब श्रद्धालु प्रातःकाल मंदिरों की ओर कूच करने को तैयार हो रहे थे, ठीक उसी समय छिंदवाड़ा जिले में एक और संकट ने दस्तक दे दी। बस ऑपरेटरों की अचानक बुलाई गई हड़ताल ने पूरे जिले के परिवहन को ठप कर दिया और हजारों नागरिकों को असमंजस में डाल दिया।
वजह सीधी है, लेकिन समाधान का अभाव गहरा है। बस ऑपरेटरों पर लगातार चालान किए जा रहे हैं जबकि नगर में कोई अधिकृत बस स्टॉप ही मौजूद नहीं है। जिला सड़क सुरक्षा समिति ने ‘रैंडम स्टॉपिंग’ को अवैध मानते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए, पर यह नहीं बताया कि बसें फिर रुकें कहां?
बुधवार को प्रशासन और बस ऑपरेटरों के बीच एसडीएम सुधीर जैन की अध्यक्षता में बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकला। हड़ताल की पूर्व सूचना होते हुए भी प्रशासन तैयार नहीं दिखा।
सबसे बड़ी मार उन श्रद्धालुओं पर पड़ी, जो गुरुपूर्णिमा के अवसर पर सौसर, सिमरिया और रामेश्वरम जैसे तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निकलते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का विषय है, बल्कि सामाजिक समरसता और पारिवारिक मेल-मिलाप का माध्यम भी होता है।
तीन प्रमुख मांगे—बस स्टॉप की अधिसूचना, चालानों पर अस्थाई रोक, और प्रशासनिक स्पष्टता—ऐसी बातें हैं जिनकी पूर्ति प्रशासन यदि समय रहते करता, तो शायद आज जिले की जनता परेशान न होती।
यह मामला प्रशासनिक उदासीनता और नीति निर्धारण की सुस्त प्रक्रिया का जीवंत उदाहरण बन गया है।