“कौन ज़िम्मेदार है इस चूक का?”

 


दमोह की रात: पानी में उतरी बस, चुप है सिस्टम

दमोह की यह घटना समाचार कम, चेतावनी ज़्यादा है। बुधवार रात लकलका गांव के पास कुड़ी नाले पर जो हुआ, वह बताता है कि कैसे जानें सिर्फ एक संयोग से बचती हैं—न कि किसी प्रशासनिक समझदारी या व्यवस्था के कारण। अमित ट्रैवल्स की बस रोज की तरह निकली थी। बारिश हो रही थी, नाले उफान पर था। फिर भी, चालक ने बस को जलभराव से लबालब पुल पर उतार दिया।

एक घंटे इंतजार के बाद उसने जोखिम लिया। बस फिसली, और आगे बढ़ने के बजाय पानी की धारा में बहने लगी। सौभाग्य कहिए कि पीछे का हिस्सा पुल पर अटक गया—नहीं तो शायद आज यह खबर मृतकों की सूची के साथ आती।

अब सवाल यह है—इस रूट पर प्रशासन की निगरानी कहां थी? नाले पर बैरिकेड्स क्यों नहीं थे? क्या परिवहन विभाग मॉनसून सीज़न के लिए कोई गाइडलाइन लागू करता है? स्थानीय पुलिस ने क्या कोई चेतावनी जारी की थी?

हम चुप हैं क्योंकि बच गए। लेकिन यह चुप्पी अगली दुर्घटना के लिए माहौल बनाती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post
askari times