रूस मंदी के कगार पर: संरचनात्मक समस्याएं और युद्ध की लागत बनी चुनौती



मॉस्को। रूस की अर्थव्यवस्था एक बार फिर वैश्विक ध्यान का केंद्र बन रही है, लेकिन इस बार सकारात्मक वजहों से नहीं। सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में देश के इकोनॉमी मिनिस्टर मैक्सिम रेशेत्निकोव ने स्वीकार किया कि रूस मंदी के बेहद करीब है।
ब्याज दरें अभी भी 20 प्रतिशत के स्तर पर हैं, जो निवेशकों के लिए अवरोधक बनी हुई हैं। इसके साथ ही तीन वर्षों से जारी यूक्रेन युद्ध, पश्चिमी प्रतिबंध, और तेल की गिरती कीमतें इस गिरावट को गहराते जा रही हैं।
महंगाई दर 9.8% पर बनी हुई है। 2025 के बजट का 41% हिस्सा रक्षा क्षेत्र में झोंकने से सामाजिक क्षेत्रों की उपेक्षा हो रही है। आम नागरिक अब भारी महंगाई के बोझ तले दब रहे हैं, जहाँ आलू और प्याज जैसे आवश्यक उत्पादों की कीमतें दोगुनी से ज्यादा हो चुकी हैं।

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