तेहरान की रात गोलियों और विस्फोटों से कांप रही थी। एक ओर इजरायली मिसाइलें आकाश चीर रही थीं, दूसरी ओर एक महिला — सहर इमामी — टीवी कैमरे के सामने खड़ी थीं। ईरान के सरकारी टीवी चैनल IRIB पर वो समाचार पढ़ रही थीं, जब स्टूडियो पर हमला हुआ।
धुआं, मलबा, चीख-पुकार... लेकिन सहर इमामी लौटीं। उन्होंने फिर से समाचार पढ़ना शुरू किया — जैसे कहना चाहती हों: ‘मैं डरने वालों में से नहीं।’
सोशल मीडिया पर उन्हें “ईरान की आवाज़” कहा जा रहा है। खुद सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने उनकी प्रशंसा की। क्या एक न्यूज एंकर सिर्फ खबर पढ़ती है? नहीं — वो कभी-कभी पूरे देश की हिम्मत बन जाती है।
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