22 जून को अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि उसके परमाणु ठिकानों को “गंभीर नुकसान” पहुँचा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने 'अल जज़ीरा' को दिए इंटरव्यू में कहा कि "अमेरिकी बस्टर बम असरदार रहे, नुकसान हुआ है।"
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नीदरलैंड में NATO समिट में दावा किया कि इसी हमले के कारण 12 दिन चली ईरान-इजराइल जंग थमी।
सीएनएन और न्यूयॉर्क टाइम्स की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन महीनों पीछे जरूर चला गया है।
तेहरान ने भले ही हमला स्वीकार किया हो, पर विदेश मंत्री अराघची ने साफ किया- “न्यूक्लियर प्रोग्राम नहीं रुकेगा। हमारे वैज्ञानिकों की कुर्बानियों को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे।”