जबलपुर। केन्द्र एवं राज्य सरकार की पिछड़ा वर्ग सूची में विसंगति के कारण पिछड़ा वर्ग की जातियों को संभावित नुकसान होने एवं उन्हें जातिगत जनगणना के पूर्व केन्द्र सरकार की पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल करने संबंधी प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन युवा कांग्रेस पदाधिकारियों द्वारा डिप्टी कलेक्टर श्री रूपेश रत्न सिंघई को सौंपा गया।
युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रिज़वान अली कोटी ने कहा है कि देश करीब एक दशक बाद जातिगत जनगणना प्रस्तावित है लेकिन म.प्र. में कुछ विसंगतियां सामने आ रही हैं जो चिंताजनक है, दरअसल केन्द्र सरकार और म.प्र, सरकार की जातियों की सूचियों में काफी अंतर है। म.प्र. में ओ.बी.सी. की 320 जातियां है, लेकिन इनमें से 32 जातियां ऐसी हैं जिन्हें राज्य सरकार तो ओ.बी.सी. (पिछडा वर्ग) में शामिल मानती है, लेकिन केन्द्र सरकार नहीं। म.प्र. सरकार की स्टेट ओ.बी.सी. लिस्ट में 320 जातियों के 94 समूह हैं. जबकि केन्द्र सरकार की म.प्र. की ओ.बी.सी. लिस्ट में 68 समूह हैं इनमें म.प्र. के 26 समूह की 32 जातियों को शामिल नहीं किया गया है, जिस कारण इन 32 जातियों को राज्य सरकार के शैक्षणिक संस्थानों एवं नौकरियों में ओ.बी.सी. आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन केन्द्रीय संस्थानों में नहीं।
गज्ञापन अनुसार म.प्र. सरकार की स्टेट ओ.बी.सी. सूची में शामिल किंतु केन्द्र सरकार की ओ.बी.सी. लिस्ट से गायब जातियों में मुख्यतः मुस्लिम समाज के शेख मेहतर, मुकेरी, मकरानी सहित अन्य समुदायों की 32 विभिन्न जातियां शामिल हैं, केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओ.बी.सी. सूची में भिन्नता/विसंगति होने के कारण प्रस्तावित जातिगत जनगणना एवं अन्य आरक्षण संबंधी प्रावधानों में अवरोध उत्पन्न होगा इसलिए केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओ.बी.सी. सूची की विसंगतियों को दूर किया जाये ताकि ओ.बी.सी. जाति को होने वाली असुविधाओं का सामना न करना पड़े।
ज्ञापन के दौरान अदनान अंसारी, रियाज़ अली,शफी खान,अदील सैय्यद आदि उपस्थित थे।