“बुजुर्गों को फेंक दोगे क्या? कुसमारिया ने फूट-फूटकर जताया क्षोभ”

 क्या उम्र बीतने के साथ-साथ इंसान की उ


पयोगिता भी समाप्त हो जाती है?

भाजपा के वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमारिया ने हालिया बयान में अपने अनुभव, आत्मसम्मान और समाज की पीड़ा को आवाज़ दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के '75 की उम्र के बाद साइडलाइन' टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कुसमारिया भावुक हो गए।
"क्या हमें वृद्धाश्रम में भेज दोगे? हम भी इस पार्टी के सिपाही रहे हैं। आज जब लड़ाई लंबी हो रही है, तो क्या हमें पीछे धकेल दोगे?"
कुसमारिया की पीड़ा दरअसल उन सैकड़ों नेताओं की भावना है, जिन्हें उम्र के नाम पर मंच से नीचे उतरने को मजबूर किया जा रहा है।

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