भोपाल से रंजीत पाटिल। मोहल्लों की गलियों, गांवों के चौपालों, चौराहों की होर्डिंग्स और बस स्टैंड के डिजिटल बोर्ड पर एक ही आवाज़ — "नशे से दूरी है जरूरी"
।15 जुलाई से पूरे मध्यप्रदेश में पुलिस और सामाजिक न्याय विभाग की साझा पहल ने एक अभियान की शुरुआत की है जो हर नागरिक को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। हर दिन कुछ नया — कभी बच्चों की रैली, तो कभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का नारा। कहीं नुक्कड़ नाटक, तो कहीं खेल मैदान में शपथ।
डीजीपी मकवाणा ने कहा, “ड्रग्स से परिवार तबाह हो रहे हैं। हम सबको मिलकर इनकी लत को जड़ से खत्म करना होगा।” गली-गली में सफाई वाहन से बजता संदेश और स्कूलों में रंगोली प्रतियोगिता — अब नशा सिर्फ बुराई नहीं, सामाजिक दुश्मन बन गया है।
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