सागर के ‘घरौंदा आश्रम’ का अंधेरा सच: मासूमों से भीख, मानव तस्करी की आशंका

 मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित ‘घरौंदा आश्रम’ अब ‘आश्रय’ नहीं, मानवाधिकार हनन का अड्डा बन गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस आश्रम में मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों से मंदिरों व चौराहों पर जबरन भीख मंगवाई जाती है।

जांच में यह भी सामने आया कि आश्रम प्रबंधन किसी बच्चे की मृत्यु के बाद बिना प्रशासन की अनुमति के देहदान करता था। रिपोर्ट में कहा गया कि इंदौर व बैतूल से लाए गए बच्चों की कोई आधिकारिक जानकारी संबंधित बाल कल्याण समितियों को नहीं दी गई।
आयोग ने इसे किशोर न्याय अधिनियम का घोर उल्लंघन बताते हुए एफआईआर की सिफारिश की है। सबसे गंभीर बातबच्चों से जबरन भीख, बाल श्रम और देहदान—‘घरौंदा आश्रम’ में तीन स्तरों पर गड़बड़ी

राज्य बाल आयोग की रिपोर्ट में ‘घरौंदा आश्रम’ से जुड़े तीन गंभीर मुद्दों की पहचान हुई:

  1. भिक्षावृत्ति – दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों को सार्वजनिक स्थलों पर भेजा जाता है, आश्रम का बैनर उनके पास रहता है।

  2. बाल श्रम – मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों से काम कराया जाता है, जो कानून का सीधा उल्लंघन है।

  3. अवैध देहदान – बच्चों की मृत्यु पर बिना प्रशासनिक प्रक्रिया के देहदान किया गया।
    इन सब के साथ-साथ मानव तस्करी की आशंका ने प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है।
    आयोग ने डीएम को रिपोर्ट सौंपते हुए न केवल एफआईआर की सिफारिश की, बल्कि राज्य व केंद्र सरकार को भी कठोर निगरानी की सलाह दी है।


 यह कि मानव तस्करी के संकेत भी सामने आए हैं, जिसके बाद मामला और भी भयावह हो गया है।

Post a Comment

Previous Post Next Post
askari times