जबलपुर। छिंदवाड़ा की सन प्राइवेट आईटीआई एवं भोपाल की एक्सीलेंस प्राइवेट आईटीआई की ओर से दायर याचिका में सुनवाई के बाद अहम आदेश मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने पारित किया है। आवेदकों की ओर से न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत किया कि आवेदक की आईटीआई को जुलाई 2024 में दी एफिलिएटिड किया गया है जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका पेश की हैं तथा उच्च न्यायालय ने डी एप्लीकेशन आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है, उसके बावजूद भी नए सत्र में छात्रों के एडमिशन के लिए जारी काउंसलिंग प्रक्रिया में आवेदक को शामिल नहीं किया जा रहा है, जो कि नियम विरुद्ध है, क्योंकि आवेदक की आईटीआई स्थगन आदेश के कारण एक्टिव आईटीआई है। इसलिए उन्हें छात्रों को प्रवेश देने से वंचित नहीं किया जा सकता है। उक्त तर्कों को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए आवेदक आईटीआई को काउंसलिंग में शामिल करने एवं पोर्टल पर नाम अपलोड करने की निर्देश दिए।
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