संस्कारधानी का मोहर्रम कौमी एकता की मिसाल, तैयारियो को लेकर मदन महल दरगाह में हुई बैठक



जबलपुर। गत रात्री मदन महल दरगाह में मुतवल्ली सैयद कादिर अली कादरी व सज्जादांशीन मुबारक कादरी की अध्यक्षता में मुहर्रम की तैयारियों संबंधी एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की शुरुआत हाफ़िज असद कर्बलाई ने तिलावते क़ुरआन से की।

बैठक में वरिष्ठ समाज सेवी हाजी मक़बूल रज़वी ने अपने वक्तव्य में कहा कि "संस्कारधानी का मोहर्रम कौमी एकता की मिसाल है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि जबलपुर में मुहर्रम का पर्व हमेशा आपसी भाईचारे के साथ मनाया जाता है। उन्होंने सवारी रखने वाले मुजावरों से अपील की कि वे अपने बेड़े में शामिल अकीदतमंदो को साथ लेकर चलें और किसी भी प्रकार के अपशब्दों का प्रयोग या गलत किस्म की नारेबाजी न करें। उन्होंने पर्व को शालीनता और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाने पर जोर दिया।

हाजी रज़वी ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का सहयोग करने और किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने की भी अपील की। शहर कॉंग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष अशरफ मंसूरी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें शासन-प्रशासन का सहयोग करते हुए अपना त्यौहार मनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि मुहर्रम के अवसर पर यातायात व्यवस्था और मुख्य मार्गों में विद्युत समस्या के समाधान हेतु वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उचित हल निकाला जाएगा।

अंत में सज्जादा नशीन इनायत अली कादरी ने बैठक में शामिल हुए तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया

बैठक में मुख्य रूप से वरिष्ठ समाज सेवी पप्पू वसीम खान, अब्बु बाबा, नियाज मंसूरी, अन्ना बाबा, आशु अली, शाहरूख सुलतानी, बाबू कलाम, सहबाज खान गामा, मुकेश बाबा सहित कई मुजावर और विभिन्न कमेटियों के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


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