इसके बाद वह फ्लाइट की लाइव ट्रैकिंग करता रहा और प्लेन के कोलकाता-चेन्नई रूट पर लौटने पर उसी फ्लाइट में दोबारा चढ़ गया—ठीक उसी सीट पर। सोना फिर से कब्जे में लेने की कोशिश नाकाम रही और चेन्नई एयरपोर्ट पर वह पकड़ा गया।
इस पूरी घटना ने एयरपोर्ट सुरक्षा और तस्करी जांच के तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर एक व्यक्ति कैसे दो फर्जी आधार कार्ड और बदली हुई पहचान के साथ अंतरराष्ट्रीय व घरेलू यात्रा कर पाया?
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