सामुदायिक स्तर पर संगठित हो रहे बरगी बांध से विस्थापित हुए ग्रामीण
बरगी नगर। रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना के अंतर्गत सच्चा प्रयास संस्था के परवेज खान, मगरधा ग्राम पंचायत के सरपंच इंदर सिंह तिलगाम, बिजोरा ग्राम के पंच नन्हेंलाल रजक तथा मुन्नालाल ने बताया कि उक्त कार्य के लिए सामुदायिक सशक्तिकरण ग्राम सभा के सशक्तिकरण के लिए गांव में छोटी-छोटी बैठके कर विस्थापितों के मुद्दों को चिन्हित किया जाएगा और सामुदायिक लीडरशिप को डेवलप कर हल करने के समुदाय आधारित ही प्रयास किए जाएंगे
बरगी बांध विस्थापित प्रभावित परिवारों के सामने सबसे बड़ी विडंबना यह है कि उनके मूलभूत गांव जो उनके पुश्तैनी गांव थे बरगी बांध की डूब में जलमग्न हो गए हैं यानी विस्थापित पूर्ण डूब में है और अपनी खेती बाड़ी और मकान दुकान के डूबने के बाद यह विस्थापित ग्रामीण तीन जिलों में मंडला, शिवनी, तथा जबलपुर जिले की सीमाओं में जिसे जहां जगह मिली वहां पर अपना टूटा फूटा आशियाना बनाकर टीलों, पहाड़ों, वीरान मैदानो, में रहने लगे। बरगी बांध विस्थापित परिवारों का मुख्य मुद्दा उनकी जमीन से जुड़ा हुआ है यानी वह जहां घर मकान बनाकर विस्थापित परिवार रह रहे हैं उस जगह को सरकार द्वारा या तो अतिक्रमण बताया गया है या अवैध कब्जा बताया गया है और कुछ गांव तो राजस्व रिकॉर्ड से ही बाहर हैं कुछ ग्राम जो फॉरेस्ट सीमा में है उन गांव में वन अधिकार के पट्टों, अन्य परंपरागत पट्टों मुख्यमंत्री भू अधिकार अभियान के साथ-साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली, सिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के अहम कई मुद्दे शामिल किए जाएंगे।