6 माह के सश्रम कारावास की सजा के साथ रु 3,11,875/- का प्रतिकर तथा रु.5000/- वाद व्यय अदा करने से दण्डित किया गया।
जबलपुर। सिविल कोर्ट की न्यायाधीश वंदना सोनी की अदालत ने धनवंतरी नगर निवासी रागिनी शुक्ला को चैक बाउन्स प्रकरण में दोषी पाते हुए 6 माह के सश्रम कारावास की सजा और चैक राशि रु.2,50,000/- पर 9 प्रतिशत की दर से मूल राशि पर 2 वर्ष 9 माह का ₹. 3,11,875/- का प्रतिकर तथा रु.5000/- वाद व्यय जमा करवाने से दंडित किया गया। रागिनी ने मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा पिसनहारी मढ़िया, जबलपुर से दो लाख रूपये का कोचिंग सेन्टर चलाने के लिये ऋण लिया था और ऋण की रकम चुकाने के लिये उसने बैंक को एक चैक दिया जो अनादरित हो गया और बैंक ने परकाम्य लिखत अधिनियम के तहत उसके विरूद्ध केस लगाया जिसमें न्यायालय ने आरोपी रागिनी शुक्ला को दोषी मानते हुए उसे 6 माह की सश्रम कारावास और रू. 3,11,875/- का प्रतिकार तथा रु 5000/ वाद व्यय जमा करवाने से दण्डित किया गया।। प्रकरण में बैंक की ओर से अधिवक्ता राजेश पंजवानी ने पैरवी की।