खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी, जो लंबे समय से पाकिस्तान के लिए आतंकवाद का अघोषित युद्धक्षेत्र रही है, एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह बना एक विस्फोट—लेकिन यह कोई सामान्य विस्फोट नहीं था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के एक अहम कमांडर, यासीन उर्फ अब्दुल्ला की मौत क्वाडकॉप्टर से बम छोड़ने के प्रयास में हो गई। बताया जाता है कि जब वह आतंकी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर सुरक्षाबलों पर हमला करने की तैयारी में था, तभी बम उसके ही हाथ में फट गया। साथ मौजूद दो अन्य आतंकी गंभीर रूप से घायल हो गए। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह घटना न केवल तकनीकी लापरवाही का परिणाम है बल्कि यह दिखाता है कि कैसे आतंकवाद अब अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करने लगा है।
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