देश में सायबर अपराध एक नई और चिंताजनक दिशा में बढ़ चला है। ताजा मामले में ठगों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर एक महिला को एक महीने तक मानसिक कैद में रखा और डिजिटल माध्यम से 54.90 लाख रुपये की ठगी कर डाली।
ठगों ने महिला को यह विश्वास दिलाया कि उसका नाम एक अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जुड़ चुका है। डिजिटल कॉल्स, नकली नोटिस और सायबर-प्रेशर की मदद से उसे 'डिजिटल अरेस्ट' की स्थिति में ला दिया गया।
यह मामला केवल ठगी नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न और सायबर आतंकवाद का भी उदाहरण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केस देश की सायबर सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है।
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