फ्लाइट के क्रैश पर संजय राउत ने साइबर हमले की आशंका जाहिर की

 मुंबई । एयर इंडिया की फ्लाइट के क्रैश होने पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। फ्लाइट उड़ान भरने के महज 30 सेकंड में ही नीचे गिरकर क्रैश हो गई। इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने गंभीर सवाल उठाकर साइबर हमले की आशंका जाहिर की है।मुंबई में प्रेसवार्ता को संबोधित कर राउत ने कहा, मैं कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन हादसे के पीछे कुछ गंभीर सवाल हैं। फ्लाइट अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के महज 30 सेकंड के भीतर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गई? क्या यह महज तकनीकी खराबी थी, या फिर किसी दुश्मन देश द्वारा विमान की प्रणाली पर साइबर हमला किया था? उन्होंने हाल के दिनों में भारत के सैन्य और सामरिक प्रतिष्ठानों पर संभावित साइबर हमलों की घटनाओं का हवाला देकर हादसे की गहन तकनीकी और साइबर दृष्टिकोण से जांच की मांग की।

इतना ही नहीं राउत ने विमानन क्षेत्र में रखरखाव की स्थिति पर सवाल उठाकर पूछा कि अहमदाबाद में विमान का रखरखाव किस कंपनी या एजेंसी के अधीन था? उन्होंने कहा कि जब बोइंग के साथ विमान सौदा हुआ था, तब भाजपा इसके विरोध में थी, जबकि तब प्रफुल्ल पटेल नागरिक उड्डयन मंत्री थे।
राउत ने कहा, आज लोग हवाई यात्रा करने से डर रहे हैं। विमानन क्षेत्र में रखरखाव सबसे अहम पहलू है। आखिर अहमदाबाद को ही क्यों चुना गया? वहां का रखरखाव मानक के अनुरूप है या नहीं?दूसरी ओर, केंद्र ने हादसे की विस्तृत जांच के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया है। यह समिति हादसे की तह तक जाकर इसके वास्तविक कारणों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह समिति मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपीएस) की समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ने पर नई एसओपीएस व नीतियों की सिफारिश भी करेगी।

समिति को मिलेगी सभी डेटा तक पहुंच
इस समिति को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, रखरखाव रिकॉर्ड, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) लॉग और चश्मदीद गवाहों की गवाही तक पूरी पहुंच होगी। समिति तीन महीने के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।


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