एक दशक पहले जब दुनिया ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाना शुरू किया, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि भारत में यह आंदोलन इतनी गहराई तक जाएगा। आज आयुष मंत्रालय के ताजा सर्वे में सामने आया है कि देश के 41% से ज्यादा लोग किसी न किसी रूप में योग को अपने जीवन में शामिल कर चुके हैं।
सर्वे में पाया गया कि करीब 25% लोगों ने योग के चलते फिटनेस में सुधार महसूस किया और लगभग 17% ने बताया कि उन्हें तनाव से राहत मिली। योग करने वालों में शहरी लोग और पुरुष थोड़े आगे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों और महिलाओं में भी जागरूकता बढ़ रही है।
‘हरित योग’ जैसी पहलें अब सिर्फ योगाभ्यास नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक संदेश बन रही हैं। योग अब स्वास्थ्य का मंत्र ही नहीं, जीवन की दिशा बन रहा है।